If you are facing any issue, then join our Telegram group or channel and let us know.Join Channel Join Group!
Advertisement
Lemo Ads

NSE और BSE के लिए सेबी का नया नियम जारी

MD SADDAM
Please wait 0 seconds...
Scroll Down and click on Go to Link for destination
Congrats! Link is Generated
NSE और BSE के लिए सेबी का नया नियम जारी

सेबी के सर्कुलर में कहा कि एक्सचेंजो के साथ चर्चा के बाद यह फैसला लिया गया है कि से और बीएससी का यह नियम Vice-A-Versa होगी जिसका मतलब यह होता है कि दोनों एक्सचेंज एक दूसरे के लिए जरूरत पड़ने पर अल्टरनेटिव ट्रेडिंग वेन्यू के रूप में काम करेंग।

1 अप्रैल 2025 से नहीं होगा ट्रेडिंग करने में कोई दिक्कत

BSE और NSE 1 अप्रैल 2025 से दूसरे के लिए अल्टरनेटिव ट्रेडिंग वेन्यू के रूप में काम करेंगे मार्केट रेगुलेटर सेबी कल 28 नवंबर 2024 को यह बयान जारी किया है और कहा है NSE और BSE एक दूसरे के लिए अल्टरनेटिव ट्रेडिंग के रूप में काम करेंगे इसका मकसद तकनीकी दिक्कत आने पर शेयर बाजार में ट्रेडिंग चालू रखना है सेबी ने अपने बयान में कहा है कि 1 अप्रैल 2025 से BSE और NSE दूसरे के लिए अल्टरनेटिव ट्रेडिंग वेन्यू के रूप में काम करेंगे इसका मतलब सीधा-सीधा साफ है BSE में तकनीकी दिक्कत आता है तो NSE पर शिफ्ट हो जाएगा अगर यही दिक्कत NSE में होता है तो BSE पर शिफ्ट हो जाएगा ।

मार्केट रेगुलेटर सेबी ने क्या कहा

मार्केट रेगुलेटर सेबी का कहना है कि एक्सचेंज के साथ चर्चा के बाद यह फैसला लिया गया है की बीएससी और एनएससी के लिए यह नियम वॉइस ए वारसॉ होगी इसका मतलब है कि दोनों एक्सचेंज एक दूसरे के जरूरत पड़ने पर अल्टरनेटिव ट्रेडिंग के रूप में काम करेंगे सेबी ने दोनों एक्सचेंज को एक जॉइन स्टैंड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP)तैयार करेंगे SOP की सर्कुलर की तारीख 60 दिनों के भीतर सेबी को प्रस्तुत करना पड़ेगा ।

सेबी ने कहा कि यह नियम कैस और डेरिवेटिव करेंसी डेरिवेटिव और इंटरेस्ट रेट डेरिवेटिव के लिए यह नियम 1 अप्रैल से लागू हो जाएगा गुरुवार को बयान जारी कर कहा हालाकी यह सेगमेंट इंटर_अपरेबल है इसलिए दूसरा ट्रेडिंग वेन्यू में ऑफसेटिंग पोजीशन लेने से एंड क्लाइंट के लिए ऐसी चालू पोजीशन खत्म हो जाएगा और मार्जिन जारी हो जाएगा इसलिए प्रोडक्ट की ऐसी कैटिगरी के लिए अलग से कुछ करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

अगर एक्सचेंज के पास कोई दूसरा एक्सचेंज पर हाइली रिलेटेड इंडेक्स डेरिवेटिव प्रोडक्ट नहीं है तो एक्सचेंज ऐसा इंडेक्स बनाने और इस पर डेरिवेटिव कंटेंट चालू करने पर सोच सकता है यह काम न करने की की स्थिति में इंडेक्स डेरिवेटिव प्रोडक्ट में पोजीशन को हज करने का एक मौका प्रदान करेगा उदाहरण के लिए NSE पास निफ़्टी, फाइनेंशियल निफ़्टी, निफ़्टी मिड कैप और निफ़्टी नेक्स्ट 50 के डेरिवेटिव कंटेंट्स है जबकि BSE के पास के लिए कोई रिलेटेड इंडेक्स डेरिवेटिव नहीं है।

ये भी पढ़े: NTPC Green Energy: ने सुस्त लिस्टिंग होने के बाद भी धमाल मचा दिया

यह काम कैसे करेगा

सेबी के आदेश के अनुसार अगर कुछ कारण के वजह से NSE या BSE मैं मैं कुछ गड़बड़ी पाई जाती है तो एक्सचेंज को घटना के 75 मिनट के अंदर सेबी कोई सूचित करना पड़ेगा और बिजनेस कंटिन्यू प्लान लागू करना होगा अल्टरनेट ट्रेडिंग वेन्यू लागू हो जाएगा।।

(डिस्क्लेमर: कृपया ध्यान दें स्टॉकभूमि आपको कभी भी निवेश करने की सलाह नहीं देता शेयर बाजार जोखिम से भरा हुआ है कृपया कोई भी निवेश करने से पहले अपने सलाहकार से सलाह अवश्य लें स्टॉकभूमि पर दिया गया विचार स्टॉकभूमि का निजी विचार हो सकता है)

एक टिप्पणी भेजें

Cookie Consent
We serve cookies on this site to analyze traffic, remember your preferences, and optimize your experience.
Oops!
It seems there is something wrong with your internet connection. Please connect to the internet and start browsing again.
AdBlock Detected!
We have detected that you are using adblocking plugin in your browser.
The revenue we earn by the advertisements is used to manage this website, we request you to whitelist our website in your adblocking plugin.
Site is Blocked
Sorry! This site is not available in your country.